इस मौसम में बच्चे और वयस्क बुखार, गले में खराश, सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू से पीड़ित होते हैं। इसका कारण ज़्यादातर मौसमी वायरल संक्रमण होते हैं, जैसे:
कारण

1. मौसम परिवर्तन - बारिश के बाद नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव वायरस के लिए एक आदर्श वातावरण बनाते हैं।
2. वायरल संक्रमण - इन्फ्लूएंजा, एडेनोवायरस, राइनोवायरस या पैराइन्फ्लूएंजा वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
3. दूषित पानी और भोजन - बारिश के दौरान पानी में कीटाणु ज़्यादा होते हैं, जो संक्रमण फैला सकते हैं।
4. कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता - विटामिन डी, विटामिन सी की कमी या अत्यधिक तनाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है।
5. निकट संपर्क - स्कूल, कार्यालय, सार्वजनिक परिवहन में संक्रमित व्यक्ति के खांसने/छींकने पर वायरस हवा में फैलता है।
रोकथाम के सुझाव

• हाथ धोना: खाने से पहले और बाहर से आने के बाद कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएँ।
• गर्म पानी पिएँ: दिन में 3-4 बार गुनगुने पानी का सेवन करें, गले का संक्रमण कम होगा।
• रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएँ: मौसमी फल (आँवला, संतरा, पपीता), तुलसी-अदरक की चाय, हल्दी वाला दूध पिएँ।
• भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें: खासकर जब वायरस बहुत फैल रहा हो।
• मास्क का इस्तेमाल करें: अगर आपको खांसी-ज़ुकाम है, तो मास्क पहनें ताकि दूसरे लोग संक्रमित न हों।
• गरारे करें: दिन में 2-3 बार गुनगुने नमकीन पानी से गरारे करें, आपका गला आराम से रहेगा।
• आराम और पानी: पूरा आराम करें और ज़्यादा पानी/सूप पिएँ।

अगर किसी को बुखार, सर्दी-खाँसी, गले में खराश, वायरल इन्फेक्शन और पेट से सम्बंधित रोग हो तो , आप इस आसान घरेलू उपाय अपनाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत रख सकते हैं:
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय
तुलसी का काढ़ा - 4-5 तुलसी के पत्ते, ½ इंच अदरक, 4-5 काली मिर्च, 1 चम्मच शहद (उबालने के बाद शहद डालें)।
हल्दी वाला दूध - रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध में ½ चम्मच हल्दी मिलाएँ।
आँवला - विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है, आप आंवले का मुरब्बा या ताज़ा जूस ले सकते हैं।
2. गले और श्वसन तंत्र को साफ़ रखने के उपाय

गर्म पानी से गरारे करें - दिन में दो बार नमक मिले गर्म पानी से गरारे करें।
भाप लेना - पानी में अजवाइन या पुदीना डालकर भाप लें।
3. खान-पान की आदतें
बाहर का मसालेदार या अधपका खाना खाने से बचें।
अदरक, लहसुन, दालचीनी, काली मिर्च जैसी तीखी चीज़ें शामिल करें।
दिन में 8-10 गिलास गुनगुना पानी पिएँ।
4. साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें

हाथ बार-बार धोएँ, खासकर खाने से पहले।
घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरों से दूर रहें (डेंगू/चिकनगुनिया का ख़तरा है)।
5. जीवनशैली के सुझाव
रात में 7-8 घंटे की नींद लें।
रोज़ाना कम से कम 20-30 मिनट टहलें या हल्का व्यायाम करें, ताकि रक्त संचार और रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों अच्छी रहें।

ध्यान दें: अगर बुखार 3 दिन से ज़्यादा रहे, गले में बहुत सूजन हो, साँस लेने में तकलीफ हो या बच्चा खाना बंद कर दे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें - क्योंकि कभी-कभी वायरल के साथ-साथ बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो जाता है, जिसके लिए एंटीबायोटिक की ज़रूरत पड़ सकती है।